तुम्हारे संग सदा मेरे होठों पर हँसीं रही
अब तो मुस्कराना भी नसीब नहीं होता।
अगर तुम्हारा हाथ सदा मेरे हाथ में रहताअब तो मुस्कराना भी नसीब नहीं होता।
अगर हम दोनों में इतना प्यार नहीं होता
तो आज मेरी आँखों से आँसूं नहीं बहता।
अगर जाते समय तुमने आवाज दी होती तो मुझे तुम्हारे जाने का गम नहीं होता।
अगर जाते समय तुमने आवाज दी होती तो मुझे तुम्हारे जाने का गम नहीं होता।
अगर तुम ढलती उम्र में मेरा साथ निभाती
तो मेरे जीवन में दुःख का दिन नहीं आता।
तो मेरा जीवन इतना बेसहारा नहीं होता।
पेज संख्या ---80
तुम्हारा संग चैत की चांदनी सा सुख देता
अब उम्मीद का चाँद भी नजर नहीं आता।
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