Saturday 10 December 2016

अतीत की गलियों में

अतीत की गलियों में 


मैंने तुमसे प्रेम किया
तुमने मुझसे प्रेम किया
हम दोनों ने एक दूजे से 
प्रेम किया

मैंने सौगात में तुम्हें 
एक नदी दी
तुमने मुझे पूरा समुद्र
दे दिया

मैंने सौगात में तुम्हें 
कुछ तारे दिए
तूमने मुझे पूरा आकाश
दे दिया

मैंने सौगात में तुम्हें 
कुछ दिशाए दी
तुमने मुझे पूरा ब्रमांड
दे दिया

मैंने सौगात में तुम्हें
चंद बूंदे दी
तुमने झूम कर
मुझे पूरा सावन दे दिया 

 मेरे मन मे तुम्हारी यादें
उसी तरह अंकित है
जैसे किसी शिलालेख पर
    रह जाता है फरमान खुदा।  



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