जीवन के सुख-चैन चले गए
अब तो केवल यादों के संग गुजर रही है जिंदगी
बैन,सैन और चतुर नैन सभी तुम्हारे संग चले गए।
अब तो मुझे तन्हाइयों में जीने की आदत पड़ गयी
कोई घडी दो घड़ी आए तो क्या, आ कर चले गए।
दुःखों के दावानल में जलने,मैं अकेला रह गया हूँ
जीवन के सारे सुख-चैन तो तुम्हारे संग चले गए।
मेरी कविताएं पढ़ तुम सदा वाह ! वाह !कहा करती
अब तो छंद भी मेरा साथ छोड़,तुम्हारे संग चले गए।
मेरे जीवन के उपवन में अब कोई बहार नहीं रही
मोहब्बत और इजहार तो तुम्हारे संग ही चले गए।
जीना तो मेरे लिएअब केवल एक मज़बूरी रह गई
चाहत और प्यार के दिन तो तुम्हारे संग ही चले गए।
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